Sunday, January 2, 2011

छोटी सी जिंदगी ...


 जिंदगी ये छोटी सी
 इम्तिहानो की लड़ी सी,
 पल भर में सेलाब भी
 तो  खुशियों की टोली भी....
 चंचल ये हवा सी
 ठहरती ना कभी कही,
 चलती ये बिना रुके
 समय के साथ ही...
 हर दिन नए रंग में
 खेल ये अनेक रचे,
 जितना भी समझो इसे
 उतना ये डूबा ले चले...
 कोई कहे माया है, 
 कोई  कहे जाल  है,
 जरा सा तुम सभल  कर
 भाग दोड़ में जरा सा बचकर
 छोटी सी है ये  जिंदगी
 जी लेना बस इसे तुम खुलकर....







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