पागलपन की बीमारी है मुझे
वहम है?
मुझे तो है..
चाँद पर घर बनाऊगी
आकाश में पंख लहराऊगी
वहम है?
मुझे तो है..
नाचूगी परियो संग
गाऊगी भवरो संग
वहम है?
मुझे तो है..
पैसो का पेड लगाऊगी
फिर ख़रीदारी करने जाऊगी
वहम है?
मुझे तो है..
एक पल में जिन्दगी जी है
अच्छी नोकरी है
लाखो में कमाती हूँ
वहम है?
मुझे तो है..
अच्छा चलिए
कुछ अच्छी सी बात करते है...
क्या आपने कभी सपने देखे है???
मैंने साकार किये है
वहम है? तो है..
मुझे तो है और अब आप मुझे टोकिये मत
निकाल लेने दीजिये अपने वहमो की पोटली को....
ये आदमी भी कितना अनोखा जीव है ?
कितना ?
तुम नहीं जानते ?
नहीं
वहम है तुम्हारा
हा है,लेकिन तुम हो कौन भाई ?
तुम नहीं जानते?
नहीं?
वहम हूँ तुम्हारा....
वहम है?
मुझे तो है..
चाँद पर घर बनाऊगी
आकाश में पंख लहराऊगी
वहम है?
मुझे तो है..
नाचूगी परियो संग
गाऊगी भवरो संग
वहम है?
मुझे तो है..
पैसो का पेड लगाऊगी
फिर ख़रीदारी करने जाऊगी
वहम है?
मुझे तो है..
एक पल में जिन्दगी जी है
अच्छी नोकरी है
लाखो में कमाती हूँ
वहम है?
मुझे तो है..
अच्छा चलिए
कुछ अच्छी सी बात करते है...
क्या आपने कभी सपने देखे है???
मैंने साकार किये है
वहम है? तो है..
मुझे तो है और अब आप मुझे टोकिये मत
निकाल लेने दीजिये अपने वहमो की पोटली को....
ये आदमी भी कितना अनोखा जीव है ?
कितना ?
तुम नहीं जानते ?
नहीं
वहम है तुम्हारा
हा है,लेकिन तुम हो कौन भाई ?
तुम नहीं जानते?
नहीं?
वहम हूँ तुम्हारा....
:)
ReplyDeletemast hai bhaiya.. matlab bindaas likha hai..
suprelike :P
really acha hai ya vaham hai...he he :)
ReplyDeleteunbelievable madhuri....i like it lekin vaham hai?????
ReplyDelete@Sartaj kya vaham hai???
ReplyDeleteab koi vaham nhi rha....kabil-e-tarif hai apki ye poem.....
ReplyDeleteha ha ha :)
ReplyDeleteLove it :)
ReplyDeletethanks for loving it...:)
ReplyDelete