जो चाहो तुम, वो भागे क्यों?
जो मिला तुम्हे, वो भाये ना क्यों?
सब होकर भी, कमी है क्यों?
शोर में भी, ख़ामोशी है क्यों?
पास जो, वो दूर क्यों?
दूर जो, पाने की चाहत है क्यों?
प्रत्यक्ष तो, प्रमान क्यों?
कभी हा, तो कभी ना क्यों?
जानते हो, स्वीकारते नहीं क्यों?
जब उत्तर है, तो बार बार सवाल क्यों?
जो मिला तुम्हे, वो भाये ना क्यों?
सब होकर भी, कमी है क्यों?
शोर में भी, ख़ामोशी है क्यों?
पास जो, वो दूर क्यों?
दूर जो, पाने की चाहत है क्यों?
प्रत्यक्ष तो, प्रमान क्यों?
कभी हा, तो कभी ना क्यों?
जानते हो, स्वीकारते नहीं क्यों?
जब उत्तर है, तो बार बार सवाल क्यों?